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Agr kisi Ladki se strong connection banana hai to: बस ये 3 सवाल पूछो बस ।

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kisi ladki se strong connection bnana hai to: पूछो ये तीन सवाल ?                   1.  tum khud ko sabse jyda kab akela mehsoos krti ho?                         jab wo bataye, bs itna kro                         Ab m tere Akele pan me m tere sth hu|’’                            2. Aisi konsi cheej, ya koi wjeh h jo tumhe muskurane pr mjboor krti hai?                                      sunkar bolo:                        “ main chahunga wo muskurane ki wjah m ban jaun”                    3. Agr tumhe koi har subha ek msg mile to us msg me likha hona...

दुनिया का सबसे छोटा देश कौनसा है : duniya ka sabse chhota desh konsa hai

  दुनिया का सबसे छोटा देश कौन सा है? शीर्ष 10 देशों की सूची    दुनिया में एक सबसे छोटा देश भी है जिसे पैदल ही कुछ ही मिनटों में पार किया जा सकता है? यह दुनिया के कुछ सबसे बड़े हवाई अड्डों से भी छोटा है? वह देश है वेटिकन सिटी। Rom, itli में पूरी तरह से स्थित, वेटिकन सिटी केवल 44 हेक्टेयर (110 एकड़) में फैला है। लेकिन इसके आकार से भ्रमित न हों—वेटिकन सिटी पृथ्वी के सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्रों में से एक है, जहाँ पोप और अनगिनत धार्मिक धरोहरें स्थित हैं। इस लेख में, हम दुनिया भर के सबसे छोटे देशों की एक मज़ेदार यात्रा पर निकलेंगे, जहाँ आप लगभग एक दिन में पैदल घूम सकते हैं। जानने के लिए तैयार हैं कि इस सूची में और कौन से देश शामिल हैं? चलिए शुरू करते हैं! दुनिया के सबसे छोटे देशों की सूची यहाँ दुनिया के सबसे छोटे देशों की सूची दी गई है, जहाँ आकार उनके महत्व या आकर्षण को नहीं मापता।  रैंक देश क्षेत्रफल (वर्ग किमी) क्षेत्रफल (वर्ग मील) 1 वेटिकन सिटी 0.44 0.17 2 मोनाको 1.95 0.76 3 नाउरू 21 8.1 4 तुवालू 26 10 5 सैन मारिनो 61 24 6 लिकटेंस्टाइन 160 62 7 मार्शल द्वीपसमूह ...

Sunday:की छुट्टी की शुरुआत कैसे और कब हुई ?

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  नारायण मेघाजी लोखंडे  : नाम के एक आदमी ने देखा की काम करने वाले मज़दूर सप्ताह में सात दिन काम करते थे । और उन मज़दूरो को एक भी दिन आराम नहीं मिलता था और उस समय ब्रिटिशों का राज चलता था तो नारायण मेघाजी ने उन ब्रिटिशो से सप्ताह में एक दिन अवकाश की माँग की तो उन्होंने उनकी माँग को अस्वीकार कर दिया । नारायण जी बार बार पर्यास करते रहे और इस पर्यास के दौरान उन्होंने सात साल कोर्ट कचहरी में केस भी लड़ा और अखिर कार ब्रिटिश को हार माननी पड़ी और नारायण मेघाजी की कही हुई बात के अनुसार सप्ताह  में एक दिन की छुट्टी स्वीकार कर ली गई ।  नारायण जी की मेहनत रंग लाई और 19वी सदी 10 जून 1890 में रविवार को छुट्टी घोषित कर दी गई । और जो मज़दूर सप्ताह में सात दिन काम करते थे उनको सप्ताह में एक दिन का अवकाश पाके बहुत ख़ुशी मिली क्यो की सप्ताह में सात दिन काम करके उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा था जिससे वो अगले दिन काम करने के बारे में सोचते थे । (नारायण मेघा जी एक ट्रेड नेता थे   )